हम मिल जाते अगर
ख्यालो ख्यालो मे एक ख्याल आया , हम मिल जाते अगर।
जमीं से फलक सब कुछ था अपना, हम मिल जाते अगर।
ना चैन मिलता लबो को हमारे ना फिर तरसता यूं दिल ,
इंतहा से मोहब्बत की जाते गुजर , हम मिल जाते अगर।
तुम्हे वादियों मे दिल की घुमाता, पलको पे रखता बिठाकर ,
साँसों से तेरी मै आता जाता , हम मिल जाते अगर।
बाँहों मे तुझको रखता समेटे ,बिखरने ना देता कभी,
खवाबो को तेरे चुन चुन सजाता हम मिल जाते अगर।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें