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इश्के तपिश कितनी !!!

छू के होठो को मेरे  देख , हैं इश्के तपिश कितनी। झांक आँखों में और बता, हैं इश्क़े कशिश कितनी। मेरी वफाओ का बदला, तू वफ़ा से देना वरना डूब के मर जायेगा होगी, अश्के बारिश इतनी। संभाले रखना मुझे दिल में अपने वरना चला गया तो ना आऊंगा, करना कोशिश कितनी। बड़ी कीमती चीज हैं ये , पर्दा बेहतर न करो इस जवानी की नुमाइश इतनी। मासूम दिल के जज्बातों को तवज्जो दो "दीपक" टूट जायेगा न करो  , जोर आजमाइश इतनी।

सेक्युलर भारत !

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      गुमाँ नही हिन्दू होने का मुझको , न मुश्किल तेरे सेक्युलर होने से। पर देख  दर्द बहुत होता हैं मुझको , तेरा दहशतगर्दो की लाशो पे रोने से।