लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप लेखक: Deepak Tyagi - अप्रैल 01, 2017 उसके यकीन में शामिल शायद था , शक मेरी वफाओ पे उसको शायद था. एक हसीं कल की तलाश थी उसको, खुदा ने बक्शा उसे जो उसका सपना शायद था. और पढ़ें
लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप लेखक: Deepak Tyagi - अप्रैल 01, 2017 कोई तड़फ रहा हैं मुझमे , कोई बिखर सा रहा हैं। जबकि आज तेरी यादे हैं, तू भी हैं और मैं भी हूँ। और पढ़ें