संदेश

अप्रैल, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

डरते है जुदाई से ....

दोस्ती है कबूल ,पर इतना प्यार तो ना दे . कि जुदाई हमे फिर आपकी रुला ना दे . आँखों में रहते हो ,साँसों से बहते हो , फिर भी डर क्यु है कि, आप हमे भुला ना दे . आप ही जिन्दगी , आप ही बंदगी , मेरी वफा का गलत ,आप कभी सिला ना दे .

सिर्फ तू और तू....

एक तू है ,एक तेरी यादे है , एक मैं हू, एक मेरी तन्हाई है . बस ये चार चीजे है जिन्दगी में, जिनसे दोस्ती है ,जिनसे आशनाई है .

मेरी माँ

चित्र
                     मेरी माँ उस देवी के चरणों मे श्रद्दा के फूल चढ़ाता हू. एक धागा हू जिसके दामन का ,माँ जिसको मै कहता हू . धूप मे दी आँचल की छाँव जाडो मे दी गोद की गर्मी . दूध पिला कर हिम्मत भर दी दुनिया से लड सकता हू . खुद भूखे रह कर मुझे खिलाया,क़र्ज़ है ये तेरा मुझ पर . वक़्त पड़ा तो दिखला दूंगा मै तुझ पे मर सकता हू . घूँट पिये अपमान के तुने ,तू जीती रही अंधेरो मे. आज वक़्त है राह में तेरी दीपक बन जल सकता हू.

रिश्ता तुमसे............

मैं जानता हूँ  जो वो छुपाती है हाथ में . शादी की मेहंदी उसने लगाई है हाथ में . अरे कब से रचने लगी है इतना गहरा मेहँदी , मेरे दिल का खून तूने लगाया है हाथ में . वो मुझसे पूछती है मेरा रिश्ता क्या है तुझसे , अरे मेरी किस्मत की लकीरे है तेरे हाथ में. वो कहती हैं वो किसी और की है , अरे कभी चेहरा तो देख आइना लेके हाथ में . बयाँ कर नही सकता ओर मैं मुहब्बत अपनी , बस दिल निकाल के रख दूंगा तेरे हाथ में.

संगदिल

चित्र
                                                                   मेरे मुक़द्दर  को    मंजूर   मेरा  जीना  था , वर्ना  तो   इरादा   उसका बड़ा कमीना था . एक उसी पर दिल क्यों  फ़िदा हुआ मेरा , जिसकी बेवफाई  पर  शराफत  का   शामियाना   था . मैंने चुन चुन के उसे अपनी खुशिया देदी , फिर क्यों मेरी ख्ह्वाईशो को गमे अश्को में भीग जाना था .

वो लडकी

चित्र
एक चेहरा इन आँखों को अच्छा सा लगा . उस अजनबी से बाते करना अच्छा सा लगा . वो उसकी बिखरी जुल्फे, वो उसके कान की बाली , वो उसका अंगड़ाईया लेना अच्छा सा लगा . वो उसके ओंठ गुलाबी ,वो उसकी झील सी आँखे , वो उसका हर बात पे मुस्करा देना अच्छा सा लगा .  उसकी नजरो का गिरना उठना,ओंठो का फडकना ,                                                         कांधे से दुप्पटे का सरकना अच्छा सा लगा.                                                       वो उसका दौडकर आना सीने से लिपट जाना ,                                                        शानो पे सर टिका देना अच्छा सा लगा .