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मोहब्बत मुझसे करके तुम

मोहब्बत मुझसे करके तुम ,जुदा  क्युँ मुझसे हो बैठे, किसी के दिल में चाहत की, शमा क्युँ जला बैठे। किसी का दिल रोया हैं, किसी के अश्क तड़फे हैं, बेवफाई की ये सब रस्मे ,अदा  क्युँ आप कर बैठे। 
उसके यकीन में शामिल शायद था , शक मेरी वफाओ पे उसको शायद था. एक हसीं कल की तलाश थी उसको, खुदा ने बक्शा उसे जो उसका सपना शायद था. 
कोई तड़फ रहा हैं मुझमे , कोई बिखर सा रहा हैं। जबकि आज तेरी यादे हैं, तू भी हैं और मैं भी हूँ।