रिश्ता तुमसे............
मैं जानता हूँ जो वो छुपाती है हाथ में . शादी की मेहंदी उसने लगाई है हाथ में . अरे कब से रचने लगी है इतना गहरा मेहँदी , मेरे दिल का खून तूने लगाया है हाथ में . वो मुझसे पूछती है मेरा रिश्ता क्या है तुझसे , अरे मेरी किस्मत की लकीरे है तेरे हाथ में. वो कहती हैं वो किसी और की है , अरे कभी चेहरा तो देख आइना लेके हाथ में . बयाँ कर नही सकता ओर मैं मुहब्बत अपनी , बस दिल निकाल के रख दूंगा तेरे हाथ में.