निर्मोही
निर्मोही , निर्मोही , निर्मोही, निर्मोही साजना दिल में हैं तूही, तूही, तूही साजना . दिल गया हैं तरस , अंखिया गयी हैं बरस रहूँ जुदा तुझसे में, और कितने बरस . दिल ने जिसे चाहा तू हैं वोही साजना...
I am sure ,My poems will touch your heart.