उसका ये तोलिया ..........
लिपटा हुआ हैं जो उसके बदन से तोलिया. दीवार सी बीच में हैं उसका ये तोलिया . चिपट जाता है सीने से किस कदर ये बेहया , हर अंग को चूमता है उसका ये तोलिया . बना लिया उसने भी इसे हमराज अपना , धडकनों को गिनता है उसकी ये तोलिया . बेबस हूँ किसको बताऊ बेबसी अपनी , कैसे अलग करू उसके बदन से तोलिया .