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मई 24, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

उसका ये तोलिया ..........

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लिपटा हुआ हैं जो उसके बदन से तोलिया. दीवार सी बीच में हैं उसका ये तोलिया . चिपट जाता है सीने से किस कदर ये बेहया , हर अंग को चूमता है उसका ये तोलिया . बना लिया उसने भी इसे हमराज अपना , धडकनों को गिनता है उसकी ये तोलिया . बेबस हूँ किसको बताऊ बेबसी अपनी ,  कैसे अलग करू उसके बदन से तोलिया .