अंदाज़ नजर के.....................
अंदाज़ तू उसकी जरा नजर के देख . फिर जख्मो को तू मेरे जिगर के देख . दर्द का एहसास तुझे जब होगा , जख्मो पे जरा अपने नमक रख के देख . गम का अगर तुझको तस्सवुर नही हुआ, तो किसी बेवफा से प्यार कर के देख . रूह को तेरी भी चैन आ जायेगा , एक बार उसे बाहों में भर के देख . बहुत मजा है किसी पे मरने में . जीना है ? तो किसी पे मर के देख