खता मेरी नजरो की लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप लेखक: Deepak Tyagi - सितंबर 27, 2011 खता मेरी नजरो की नही हुजूर , कसूर आपकी कमबख्त जवानी का हैं . न इलज़ाम दे कोई मेरी धडकनों को , ये असर आपके बलखाते हुस्न की रवानी का हैं . और पढ़ें