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खता मेरी नजरो की

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खता  मेरी  नजरो  की  नही    हुजूर , कसूर आपकी  कमबख्त  जवानी  का हैं . न  इलज़ाम  दे  कोई   मेरी   धडकनों को , ये असर आपके  बलखाते हुस्न की रवानी का हैं .