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जुलाई 23, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

निर्मोही

 निर्मोही , निर्मोही , निर्मोही, निर्मोही साजना दिल में हैं तूही, तूही, तूही साजना . दिल गया हैं तरस , अंखिया गयी हैं बरस रहूँ जुदा तुझसे में, और कितने बरस . दिल ने जिसे चाहा तू हैं वोही साजना...