कैसा होता हैं इश्क ?
ना ये दरिया सा , ना ये सहरा सा . सीने मे मेरे कुछ ,अब हैं ठहरा सा . हुआ हैं क्या मुझे , पता ही नही गर हैं ये इश्क तो मेरी खता नहीं . मेरी सुनता ही नही ,दिल हैं बहरा सा .. सीने मे मेरे कुछ ,अब हैं ठहरा सा .