संदेश

अप्रैल 9, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मोहब्बत मुझसे करके तुम

मोहब्बत मुझसे करके तुम ,जुदा  क्युँ मुझसे हो बैठे, किसी के दिल में चाहत की, शमा क्युँ जला बैठे। किसी का दिल रोया हैं, किसी के अश्क तड़फे हैं, बेवफाई की ये सब रस्मे ,अदा  क्युँ आप कर बैठे।