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सितंबर 21, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

.................. अकेला हूँ

दिल में   काफी कुछ हैं मेरे, कुछ कहने को , कुछ सुनने को . बैचेन हैं दिल की हर धडकन, सब कुछ तुझे  बतलाने को.  आँखों से बरसा सावन,  सिसकी हर एक  साँस मेरी . थामा तूने हाथ था उसका ,संगदिल मुझे रुलाने को .