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माँ भारती.....

खून में उबाल  नही … जबान पर सवाल नही … बेबसी किस बात की …… क्या सुबह नही इस रात की …? नोजवान  चुप हैं … अँधेरा घुप है …. भ्रष्ट ले रहे मजा … बस  गरीब को सजा … भारती दुखी बहुत … दिल में दर्द हैं बहुत …. क्यूँ भगत  नही हमको याद  …. रोता चन्द्र शेखर आज़ाद … अब हर हाथ में मशाल हो … नेताओ की उतरी खाल हो … ये नेता देश के दलाल … माँ  को बेच खाते माल … अगर औलाद हो एक बाप की … कर  दो मिटटी पलीद इनके पाप की ....

निर्मोही

 निर्मोही , निर्मोही , निर्मोही, निर्मोही साजना दिल में हैं तूही, तूही, तूही साजना . दिल गया हैं तरस , अंखिया गयी हैं बरस रहूँ जुदा तुझसे में, और कितने बरस . दिल ने जिसे चाहा तू हैं वोही साजना...

नजरों से पोशीदा

तू दिल के रूबरू हैं ,फिर भी नजरों से पोशीदा क्यूँ ? आती हैं जब यादें तेरी ,दर्द बढ़ता हैं ज्यादा क्यूँ ? भूले से भी कर दे कोई, इश्क का गर जिकर. आँखों से अश्को की हो जाती हैं इब्तदा क्यूँ?

अलविदा

चश्मे तर से अलविदा कहा मैंने उसको . वो ख्वाब बरसों दिल में पाला जिसको .

नेता

आखिर नेता तो साला नेता हैं , बस पब्लिक की लेता हैं , बस झूठे चेहरे झूठी  बाते, झूठे आंसू रोता हैं .

बेदर्द जवानी

एहतराम ना कर इस बेदर्द जवानी का . ये तो रिश्ता हैं जैसे आग और पानी का. जहान वाकिफ हैं इश्केशिद्दत से मीरा की और सबको मालूम हैं अंजाम उस दीवानी का .