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अप्रैल 29, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

डरते है जुदाई से ....

दोस्ती है कबूल ,पर इतना प्यार तो ना दे . कि जुदाई हमे फिर आपकी रुला ना दे . आँखों में रहते हो ,साँसों से बहते हो , फिर भी डर क्यु है कि, आप हमे भुला ना दे . आप ही जिन्दगी , आप ही बंदगी , मेरी वफा का गलत ,आप कभी सिला ना दे .

सिर्फ तू और तू....

एक तू है ,एक तेरी यादे है , एक मैं हू, एक मेरी तन्हाई है . बस ये चार चीजे है जिन्दगी में, जिनसे दोस्ती है ,जिनसे आशनाई है .

मेरी माँ

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                     मेरी माँ उस देवी के चरणों मे श्रद्दा के फूल चढ़ाता हू. एक धागा हू जिसके दामन का ,माँ जिसको मै कहता हू . धूप मे दी आँचल की छाँव जाडो मे दी गोद की गर्मी . दूध पिला कर हिम्मत भर दी दुनिया से लड सकता हू . खुद भूखे रह कर मुझे खिलाया,क़र्ज़ है ये तेरा मुझ पर . वक़्त पड़ा तो दिखला दूंगा मै तुझ पे मर सकता हू . घूँट पिये अपमान के तुने ,तू जीती रही अंधेरो मे. आज वक़्त है राह में तेरी दीपक बन जल सकता हू.