माँ भारती.....
खून में उबाल नही … जबान पर सवाल नही … बेबसी किस बात की …… क्या सुबह नही इस रात की …? नोजवान चुप हैं … अँधेरा घुप है …. भ्रष्ट ले रहे मजा … बस गरीब को सजा … भारती दुखी बहुत … दिल में दर्द हैं बहुत …. क्यूँ भगत नही हमको याद …. रोता चन्द्र शेखर आज़ाद … अब हर हाथ में मशाल हो … नेताओ की उतरी खाल हो … ये नेता देश के दलाल … माँ को बेच खाते माल … अगर औलाद हो एक बाप की … कर दो मिटटी पलीद इनके पाप की ....