कैसे बताऊ .....?
कैसे बताऊ तुमसे , तुम क्या हो मेरी खातिर , साँसे तुम्ही से शुरू होती है, तुम्ही हो तमन्ना आखिर . मैं कंहा जानता हूँ ये चीज क्या खुदा है ? मैं तुम्हे जानता हूँ ,मैं नही जानता मुझे हुआ क्या है ? दुआ की सी मासूमियत छलकती है तुम्हारी आँखों से , एक मदहोशी की सी खुशबू निकलती है तुम्हारी साँसों से . समंदर की लहरों ने तुम्ही से तो चलना सीखा है , कलियों ने तुम्ही से जाना मुस्कराने का तरीका है . कैसे बताऊ ? कि जी नही सकता तेरे बिना साथी , क्या वजूद रखता है भला एक "दीपक" बिना बाती. कैसे बताऊ ? भला तुझे दिल की मैं आरजू . मौत जब आये तो आँखों के सामने हो तू . कैसे बताऊ मै तुझे ? तेरे लिए क्या कर सकता हूँ . मैं अपने जिस्म से अपनी रूह जुदा कर सकता हूँ . मैं चाहता हूँ कि तुम हमेशा यूँही हंसती रहो , हसीं प्यारे ख्वाबो मे तुम संवरती रहो .