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कैसे बताऊ .....?

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कैसे बताऊ तुमसे , तुम क्या हो मेरी खातिर , साँसे तुम्ही से शुरू होती है, तुम्ही हो तमन्ना आखिर . मैं कंहा जानता हूँ  ये चीज क्या खुदा है ? मैं तुम्हे जानता हूँ ,मैं नही जानता  मुझे हुआ क्या है ?     दुआ की सी मासूमियत छलकती है तुम्हारी आँखों से , एक मदहोशी की सी खुशबू निकलती है तुम्हारी साँसों से . समंदर की लहरों ने तुम्ही से तो चलना सीखा है , कलियों ने तुम्ही से जाना मुस्कराने का तरीका है . कैसे बताऊ ? कि जी नही सकता तेरे बिना साथी , क्या वजूद रखता है भला एक "दीपक" बिना बाती. कैसे बताऊ ? भला तुझे दिल की मैं आरजू . मौत जब आये तो आँखों के सामने हो तू . कैसे बताऊ मै तुझे ? तेरे लिए क्या कर सकता हूँ . मैं अपने जिस्म से अपनी रूह जुदा कर सकता हूँ . मैं चाहता हूँ कि तुम हमेशा यूँही हंसती रहो , हसीं प्यारे ख्वाबो मे तुम संवरती रहो .

ख्वाइश......

तमन्ना है कि रहूँ हरदम तेरी निगाहों मे. सुकून मिलता है मुझे तेरी बाहों मे . गरम धूप है तन्हाई की जलता हू, कुछ देर को रख ले जुल्फों की पनाहों मे. तू साथ देने का वादा करे अगर , मै आबे हयात बहा दूंगा इन सहराहो में. जिन्दगी दे या मौत दे ,मंजिल तो मिले , यूँ छोड़ के न जा बीच राहो  में . तेरे होठो पर हंसी रहेगी कायम यूँही , बहुत असर है संगदिल मेरी दुआओ में .

आपके लिए ...

मैं भी उनका हू , मेरा जंहा उनका . मेरी तो जिन्दगी का हर लम्हा उनका . उनको हमसे नफरत है तो क्या हुआ , मेरे तो दिल पे लिखा है नाम उनका . वो मुझे याद नही करते हकीकत है, हम ख्वाबो में भी करते है दीदार उनका . वो जिसे चाहते है वो हासिल हो उन्हें , खुशियों से भरा रहे घर उनका .