कोई बात नही ...
मुझको नही मिले तुम तो दोस्त क्या हुआ ? इस जमीं ने कब भला वो आसमां छुआ ? जिन्दगी में न आ सकू इसलिए ये कीजिये ठोकर से हटा दीजिये ये पत्थर पड़ा हुआ . तुमसे वफा की हमने कसमे है चंद खाई . बेवफाई से कभी इंसान बड़ा हुआ ? मुझको खबर है दिल में तेरे रोशन है और कोई. रखते है लोग घर में कहाँ दीपक बुझा हुआ ?